Tuesday, November 24, 2009

मेरा बेक्ग्रौंद, मेरी पहचान

नमस्ते सलाम!
मैंने सोचा, राजीवजी से बात करके की अच्छी बात होगी आगर मैं अपने बक्ग्रौन्द के बारे में कुछ लिखूंगी।
चलो, ठीक है...तो मैं बेल्जियम की हूँ...लेकिन इतना आसान नहीं है - जैसे सब हिन्दुस्तानी लोगो के अलग-अलग पहचान भी है। भारत मैं लोग बिल्कुल हिन्दुस्तानी हैं लेकिन पंजाबी भी हो सकते हैं या बंगला या मुसलमान या हिंदू या ब्रह्मिन या क्षत्रिय या....काफी एदेंतितिस मौजूत होते हैं, इंडिया में।
मैं बेल्जियन हूँ लेकिन मेरी मतर्भाषा डच है, होल्लंद के लोगो की जैसे। बेल्जियम की तिन सरकारी भाषाएँ हैं: डच, फ्रेंच और जर्मन भी। बेल्जियम के डच बोलनेवल्ले लोग हम flemish कहते हैं। फ्लेमिश और डच लोग वहीं ज़बान बोलते हैं लकिन एकी लोग तो नहीं हैं। हालांकि मैं डच बोलती हूँ, मैं फ्रेंच इलाके में रह्नेवाल्ली हूँ।

हमारी कहानी इधेर ख़तम नहीं हो जा रही है। मेरे माँ-बाप यूनानी हैं। बीस मिलियन यूनानी लोग होते है दुनिया में लेकिन आधा यूनानी आबादी युनानिस्तान के बाहर रहते हैं : अमेरिका में, कनाडा मैं, ऑस्ट्रेलिया मैं और उत्तर यूरोपे में, जैसे मेरा परिवार।

जब मैं चोती थी हम लोग दो भाषाएँ इस्तेमाल करते थे और हम bi-lingual हैं।
तिन पीडीयां पहली मेरे खानदान यूनान से आ गये हैं और हालाँकि की हमको बिल्कुल अच्छी तरह यूनानी आती है हम लोग आजकल कभी-कभार आपस में यूनानी बोलते हैं । हम जनानी बोलते जब हम यूनान जाएंगे।
Western नज़र से देखा यूनान में यूरोप ख़तम हो रहा हैं और पूर्व से देखा यूनान में युरोपे शुरू होता है। मेरे बचपन में महसूस होता था की यूनान आधा-आधा एक Oriental मुल्क था: तोइलेट्स बिल्कुल asian थे, बहार रस्ते के बीच में streetvendors मिठाई भेज जाते थे, कबाब बहुत मिलते थे, ट्राफिक पागलपन था (और भी है) और यूनानी लोग मेहमाननवाज़ हैं लेकिन थोड़ा सा बेईमानी भी हैं। यूनान चार सौ साल तुर्की के एक हिस्सा था और लगता है की इसलियी यूनानी का संस्कृति एकदम east-west मिक्स्त culture है।
और शायद यह कारण है की मुजको हिन्दुस्तान में इतना अच्छा लगता है और इतना जल्दी adapt कर रही हूँ। आजकल, यूनान EC का मेम्बर है और बहुत westernised हो गया है। हिन्दुस्तान में यूनान की पूर्वी ओर से फिर मिल रही हूँ।

1 comment:

  1. @ हिन्दुस्तान में यूनान की पूर्वी ओर से फिर मिल रही हूँ।

    स्वागत है। हिन्दुस्तान की गर्म जोशी से आप बहुत शीघ्र परिचित हो जाएँगी। आप में इतना अपनापन जो है !

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